कोरोना मरीजों में ये तीन चीजें बढ़ा रही हैं ब्लैक फंगस का खतरा: विशेषज्ञों ने आगाह किया

कोरोना मरीजों में ये तीन चीजें बढ़ा रही हैं ब्लैक फंगस का खतरा: विशेषज्ञों ने आगाह किया

सेहतराग टीम

कोरोना कहर के बीच ब्लैक फंगस ने भी दस्तक दी। अब लोग ब्लैक फंगस म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी से भी संक्रमित हो रहे हैं और लगातार इस बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों की चिंता और भी बढ़ गई है। यही नहीं केंद्र सरकार ने देश के राज्यों को ब्लैक फंगस को लेकर अलर्ट भी जारी कर दिया है। कई राज्य तो पहले ही ब्लैक फंगस को महामारी भी घोषित कर चुके हैं।  हाल ही में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल ने यह माना था कि कोरोना के उपचार के लिए स्टेरॉयड के उपयोग से ब्लैक फंगस के फैलने के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है। अब इस पर किए गए हालिया अध्ययन में कई जरूरी दावे किए गए हैं।

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यह अध्ययन मध्य प्रदेश के महाराजा यशवंतराव अस्पताल के डॉ. वी. पी. पांडे द्वारा किया गया है। यह अध्ययन 210 मरीजों पर किया गया। अध्ययन के अनुसार, इन सभी मरीजों को एंटीबायोटिक्स (Azithromycin, Doxycycline और Carbapenems) दिया गया था और दावा किया गया है कि एंटीबायोटिक्स लेने के बाद मरीज ब्लैक फंगस का शिकार हुए।

आपको बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कोच्चि चैप्टर के पूर्व प्रमुख डॉ. राजीव जयदेवन ने ट्वीट किया, जिसमे उन्होंने बताया कि डॉ. वी. पी. पांडे द्वारा किए गए अध्ययन में दावा किया गया है कि ब्लैक फंगस के जो मरीज मिले हैं, उनमें 14 फीसदी ऐसे मरीज हैं, जिनपर स्टेरॉयड का इस्तेमाल नहीं किया गया था, जबकि 21 फीसदी मरीजों को डायबिटीज की बीमारी नहीं थी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि करीब 52 फीसदी मरीज ही ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे।

डॉ. राजीव जयदेवन ने जिंक के उपयोग को भी खतरनाक बताया है। उनका कहना है कि यह ब्लैक फंगस का एक जोखिम कारक है, जिसकी जांच की जानी चाहिए। डॉ. राजीव का मानना है कि जिंक युक्त वातावरण में फंगस पनपते हैं और स्तनधारी कोशिकाएं संक्रमण से बचने के लिए जिंक को फंगस से दूर रखने की कोशिश करती हैं।

डॉ. राजीव जयदेवन ने ट्वीट में आगे बताया कि ज्यादा भांप लेना भी ब्लैक फंगस संक्रमण का कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि ज्यादा भांप लेने से बलगम की नाजुक परत को नुकसान पहुंच सकता है और यहां तक कि म्यूकोसा में जलन भी पैदा कर सकती है, जो फंगस के लिए हमारी प्राकृतिक रक्षा पर हमला करना आसान बना देता है।

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